Khatu Shyam JI Nishan Pooja

जानिए खाटू श्याम बाबा के निशान का महत्व .

निशात यात्रा खाटू श्याम जी की प्रसिद्ध यात्रा में से एक है। खाटू श्याम जी को निशान चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. यह पवित्र निशान है और इसका रंग केसरिया, नारंगी लाल होता है, निशान पर कृष्ण और श्याम बाबा के चित्र और मंत्र अंकित होते है। एक नारियल और मोर के पंख भी इससे बंधे हैं।

जैसा की आप सभी लोग जानते है की खाटू श्याम जी को कलयुग के देवता की नाम से भी जाना जाता है, जैसे जैसे कलयुग बढ़ रहा है वैसे वैसे ही खाटू श्याम जी की मान्यता भी बढ़ रही है. तीर्थयात्री रिंगस टाउन में पहुंचते हैं और दुकानों से निशान खरीदते हैं। इसके बाद वे धर्मशाला या होटल में रुकते हैं और स्नान करते हैं। इस ध्वज की विशेष पूजा की जाती है। वे श्याम बाबा की आरती करते हैं और बाबा श्याम की जोत लेते है. और फिर खाटू श्याम मंदिर की यात्रा शुरू करते हैं. वे श्याम बाबा की जयकारा लगाते हैं नाचते गाते हुए खाटू श्याम मंदिर को जाते है. रींगस से खाटू श्याम जी की दुरी 17km की है. खाटू श्याम जी के भक्त बहुत दूर दूर से खाटू शयम मंदिर तक पैदल हे आते है ( दिल्ली , मुंबई, हरयाणा, जयपुर, रेवाड़ी , अलवर, गंगानगर , बीकानेर , जोधपुर , कोलकाता , पंजाब etc ..)

किस दिन चढ़ाना चाहिए खाटू श्याम जी को निशान

वर्तमान समय में खाटू श्याम जी के भक्त लोगो की संख्या बढ़ती जा रही है और इसी को ध्यान में रकते हुए अब यह निशान यात्रा प्रत्येक मास शुकल पक्ष की एकादशी को भी चढ़ाया जा सकता है लेकिन जो मजा फाल्गुन मेले में है निशान चढ़ाने का उसका मजा अपने आप में एक अलग ही है इसलिए तो फाल्गुन मेले में लाखो भक्त लोग खाटू श्याम जी को जाते है और बाबा को अपना निशान चढ़ाते है !

वैसे तो बाबा श्याम के दरबार में सभी समय सामान होते है किसी भी दिन आप बाबा श्याम को निशान चढ़ा सकते हो . वर्तमान समय में प्रत्येक मास शुकल पक्ष की एकादशी को एक विशाल मेले का आयोजन होने लगा है ! जाट जडूला ( मुंडन संस्कार और गठजोड़े की जात ) प्रत्येक शुकल पक्ष की एकादशी को होते हुए देखा जा सकता है ! इस स्थान पर यह बात कहना इसलिए जरुरी हो गया है .

श्री खाटू श्याम प्रभु के निशान का महत्व .

  • जो जितनी दूर से निशान लेकर आया, उसने उतनी ही नजदीक से दर्शन पाया .
  • जो इस दुनिया से हारकर आया , उसने जीते जी जितने का वरदान पाया !
  • जो भाव धरम एवं सत्संग के साथ आया, उसका संग जन्म जन्मान्तर निभाया !
  • जिसने रास्ते में खाटू श्याम का गुण गया, उसका गुणगानो का यस खाटू श्याम ने पुरे देश में किया !
  • अपने दुखों के साथ यहाँ जो आया, उसने अपने आप को कुशियो के दौलत से मालामाल पाया !
  • जिसने मांगा घर का चिराग , उसके घर भेजा ‘श्याम सुन्दर ‘ सलोना सा लाल !
  • जिसने हार साल आने का संकलप किया , उसके जीवन का कायाकल्प श्याम ने एक पल में किया !

Khatu Shyam Temple and Aarti Timings