खाटूश्यामजी। ( वर्ल्ड फेमस टेम्पल ) राजस्थान के सीकर जिले के खाटू श्याम जी में इस समय बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला अपने परवान पर है। चाइये कोई बे रास्ता हो खाटू की ओर जाने का हर और श्याम भक्त खाटू श्याम मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं। एकादशी को खाटू श्याम जी नीले घोड़े पर सजे-धजे रथ में नीले घोड़े पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हे । खास बात यह है कि खाटूश्यामजी का यह रथ कई सालों से मुस्लिम खुदाबक्श सजाते आ रहे हैं। श्याम बाबा के रथ (Baba Shyam Ka Rath) का लाइसेंस भी खुदाबक्श के नाम से बना हुआ है ।
पूरी दुनिया के लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है बाबा श्याम से । आस्था की डोर के सहारे लाखों श्याम दीवाने खाटू खींचे चले आते हैं और हारे के सहारे बाबा श्याम के दरबार में धोक लगाकर अपनी मनो कामना मांगते हे, खाटू श्याम जी कलयुग के राजा हे हो बे सच्चे मन से मांगे उसका बेडा पर हे , जो पूरी दुनिया से हर जाता हे उसको मेरा श्याम सहारा देता हे इसलिए तो खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता हे ।
खाटू श्याम बाबा के मेले में आने वाले अधिकांश श्याम भक्तों के हाथों में बाबा खाटू श्याम का निशान होता है। देखा जाये तो पुरे साल हे बाबा श्याम को निशान चढ़ाये जाते हे लकिन सबसे जाएदा निशान फालुन मेल में लाखो निशान चढ़ाये जाते हे। ( श्री खाटू श्याम प्रभु के निशान का महत्व ) ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर इतने सारे निशान का क्या किया जाता होगा?
फाल्गुन लक्खी मेले खाटूश्यामजी को चढ़ने वाले लाखों निशान किस काम में आते हे।
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